भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
मतदान / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय
Kavita Kosh से
Rahul Shivay (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:12, 9 सितम्बर 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=चन्द्रप्रकाश जगप्रिय |अनुवादक= |स...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
भालू नें
भालूनी सें कहलकै
पिछलुका बेरी वोट दै लेॅ गेलियै
वै ठांम एवीएम मशीन पर नजर देलियै
वै में एक सें बैढ़केॅ एक
बेइमान के नाम देखलियै
केकरा वोट दियै
हमरोॅ माथा चकरैलै
फिरो वै मेॅ सें चुनलियै
जे छै कम बेइमान
ओकरा आपनोॅ वोट
दै केॅ कैलियै सम्मान
यै बार के चुनाव में सबके सब बराबर पैलियै
तब
नोटा के बटन दबायकेॅ वापस ऐलियै।