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भारतीय संस्कृति / लालसिंह दिल / सत्यपाल सहगल

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कोई संस्कृति नहीं
सिर्फ एक भारतीय संस्कृति।

शेष सब नदियाँ
इसी सागर में
आ मिलती हैं।

हाथी के पाँव में
सबके पाँव आ जाते हैं।

भारतीय संस्कृति
डाकुओं की संस्कृति नहीं है।

मूल पंजाबी से अनुवाद : सत्यपाल सहगल