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प्रवासी मज़दूर / लालसिंह दिल / सत्यपाल सहगल
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प्रवासी मज़दूर
हैया-हैया
का गीत अलापते
मोटा तार खींचते
एक साथ
ज़ोर लगाने के लिए
वे गीत-सा गाते
उनके पास से
हँसते-हँसते गुज़रती
नीली शाल वाली मक्खनी लड़की।
मूल पंजाबी से अनुवाद : सत्यपाल सहगल