भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
इज़्ज़तपुरम्-33 / डी. एम. मिश्र
Kavita Kosh से
Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:03, 18 सितम्बर 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=डी. एम. मिश्र |संग्रह=इज़्ज़तपुरम...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
अपेक्षाएँ
अधिक प्रबल हों
तो उपेक्षाएँ भी
सिर उठाकर
बोलने को विवश हों
तब
अवज्ञा में
देर न लगे
और भीतर से
ज्वालामुखी
फूट-फूट पड़ें
ऐसे में कोई नहीं बचता
अनुशासन हीनता के
आरोप से