भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
इज़्ज़तपुरम्-37 / डी. एम. मिश्र
Kavita Kosh से
Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:05, 18 सितम्बर 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=डी. एम. मिश्र |संग्रह=इज़्ज़तपुरम...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
गुलाबो
अब बेचने लगी रेवड़ियाँ
रामफल के साथ
पूर्व संस्कार और
आचरण के लफ्ज
जरूरतों के सामने
बौने हो गये
सम्बल की
चाह में
रामफल की दोस्ती
पल-पल प्रगाढ़ हुई