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गुमान / तुम्हारे लिए / मधुप मोहता
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ये दिलफ़रेबी के सामान सारे
जो ले के नज़दीक आए हो तुम
ये झूठे सपने, वफ़ाएँ झूठी
ये लब, ये गेसू, अदाएँ झूठी,
ये झूठी क़समें, हसीं इशारे
ये मीठी बातें, ये ख़्वाब सारे
ये सच नहीं हैं, ये जानता हूँू
तेरे इरादे भी पहचानता हूँ,
मेरे तसव्वुर में हर अक़्स तेरा
शीशा-ऐ-दिल पर हर रक़्स तेरा।
जुनूँ की हद से गुज़र चुका है
गुमान तेरा ठहर चुका है।
कि दिल की धड़कन के साथ तू अब
यादों में मेरी, साथ चल रहा है
मुझे यक़ीं है कि तू जानता है
अब ये मंज़र बदल रहा है,
तू जानता है नींदों में तेरी
ख्वाब मेरा मचल रहा है।