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राम-लीला गान / 18 / भिखारी ठाकुर

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प्रसंग:

श्री राम एवं सीता का विवाह-पूर्व रूप का वर्णन।

रामजी के हो रतनार बाटे नैना।टेक।
फल-फूल-पत्र सघन गछियन के, जइसे तनाइल बा समैना हो। रतनार बाटे नैना...
जस रघुबर तस नख-सिख सीता, तस रानी कोसिला-सुनैना हो। रतनार बाटे नैना...
स्यामल-गौर धनुस कर सोहत, छबि कवि कहत सकै ना हो। रतनार बाटे नैना...
तेहि चरनन दरस के निसि-दिन, मन बा ‘भिखारी’ के बेचैना हो। रतनार बाटे नैना...