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राम-लीला गान / 26 / भिखारी ठाकुर

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प्रसंग:

दुलहा राम सहित चारों भाइयों का सौन्दर्य वर्णन।

अइसन ना अइलन नगर मंे दुलहा, अइसन ना अइलन नगर में।टेक।
नर-नारी मिथिला के बासी चरचा करत घर-घर में। दुलहा, अइसन ना...
भाल तिलक, कान कंुडल, अलफी मउरी बिराजत बा सर में। दुलहा, अइसन ना...
पैताबा, पैजामा, छकलिया, पेन्हले चारु गत्तर में। दुलहा, अइसन ना...
उमर बरोबर, रूप के आगर, सागर समइलन गागर में। दुलहा, अइसन ना...
नाई ‘भिखारी’ कहत ना निकलिहन, गड़ि गइलन भितरी नजर में। दुलहा, अइसन ना...