भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
मैं किसी के लिए नहीं लिखता / विल्हेम इकेलुन्द
Kavita Kosh से
Anupama Pathak (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 09:53, 13 दिसम्बर 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= विल्हेम इकेलुन्द |संग्रह= }} <Poem> मै...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
मैं किसी के लिए नहीं लिखता --
हवाएँ जो यहाँ-वहाँ भटकती हैं उनके लिए,
बारिश जो रोती है उसके लिए,
मेरे गीत आँधी की तरह हैं,
जो बड़बड़ाते हुए चल देते हैं
शरत्काल के अँधेरे में
और बात करते हैं धरा से
रात से और बारिश से.
(मूल स्वीडिश से अनुवाद : अनुपमा पाठक)