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जो दिखता है / सुधेश

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जो दिखता है
वह बिकता है

जो बिकता है
वह छपता है

जो छपता है गाया जाता
जो गाया जाता
इक दिन लोकगीत बन जाता है

जो लोकगीत
मन मन मे बस जाता है

जो मन में बसता
पत्थर भी प्रभु हो जाता है।