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जायेंगे बच्चे विलायत देखना / सूरज राय 'सूरज'
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जायेंगे बच्चे विलायत देखना।
हम नहीं छोड़ेंगे भारत देखना॥
सानी
बस मकाने-दिल की हालत देखना।
कर सकोगे क्या मरम्मत देखना॥
है दिमागों की शह्र में रौनकें
ऐ मेरे दिल तू उधर मत देखना॥
फिर उजालों की ज़रूरत है उसे
फिर जलाएगा मेरा ख़त देखना॥
दोस्तों से कह दिया मुश्किल में हूँ
अब उन्हें होगी न फ़ुर्सत देखना॥
बेरहम आतंकवादी के लिये
रात खोलेगी अदालत देखना॥
मैं ज़मीं से भी दिखूंगा, अर्श हूँ
तुम कोई ऊंची इमारत देखना॥
ख़ाक़ मिल जाएगी अपनी ख़ाक़ में
सिर्फ़ रह जाएगी तुर्बत देखना॥
लग रहे मकड़ी के जाले इस क़दर
झूल जायेगी मेरी छत देखना॥
एक भी साया नहीं है राह में
यार "सूरज" की भी किस्मत देखना॥