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ज़िन्दगी के जश्न बेहद कम लगे / रंजना वर्मा

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जिंदगी के जश्न बेहद कम लगे
जब भी देखे नैन उसके नम लगे

जिंदगी एहसास की तीखी चुभन
जख़्म पर अब तो कोई मरहम लगे

चोट देना तो कोई मुश्किल नहीं
कुछ करो जो दर्द सब बेदम लगे

आज तो पी लूँ नज़र के जाम से
बोल प्यारे गीत की सरगम लगे

मुँह अगर खोलो तो कुछ ऐसा कहो
बात में कुछ तो तुम्हारी दम लगे

हो नज़र से जब नज़र की दोस्ती
राधिका का श्याम से संगम लगे

जब क्षितिज पर गगन धरती से मिले
दृश्य प्यारा नेह का अनुपम लगे