बहता आँखों से आंसू है
दिल भी होता बेकाबू है
नैन बसी है मूरत तेरी
सांसों में तेरी खुशबू है
जो गिरता दामन पर मेरे
तेरी आँखों का आँसू है
हो जिस ओर नज़र ये मेरी
दिखता मुझ को तू ही तू है
मेरे मन को काट रहा जो
तल्ख़ जुबानों का चाकू है
धीरे से कर गया असर जो
तेरी आँखों का जादू है
नाच रही है आज मुहब्बत
बाँधे पाँवों में घुँघरू है