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हर कदम जीस्त ये बताती है / रंजना वर्मा

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हर कदम जीस्त ये बताती है
हार के बाद जीत आती है

धूप छाया सी जिंदगी होती
हमको मुश्किल यही सिखाती है

हर दुआ कब क़बूल है होती
क्यों मुसीबत तुझे रुलाती है

सर से ऊपर से है गुज़र जाती
धूल को जब हवा उड़ाती है

जाने अब क्या हुआ नज़र मेरी
उस के चेहरे पे ठहर जाती है

मेरी आँखों में ख़्वाब रहने दे
आसमानों को नींद आती है

अब खुशी की न चाह है बाक़ी
याद तेरी हमें बुलाती है