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कन्हैया को दिल से पुकारे चला चल / रंजना वर्मा

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कन्हैया को दिल से पुकारे चला चल
यूँ ही जिंदगानी गुजारे चला चल

भरोसा तू रख नाखुदा पर हमेशा
लगायेगा वो ही किनारे चला चल

मुसीबत में घबरा न तू आफ़तों से
तेरे साथ हैं श्याम प्यारे चला चल

नहीं साथ देता अगर चन्द्रमा तो
रहेंगें सदा साथ तारे चला चल

निखरती रहे मौसमों की जवानी
दिखेंगें खिले फूल सारे चला चल

तेरा साथ देने न ग़र कोई आये
पकड़ हाथ दोनों हमारे चला चल

समय का फ़रिश्ता खड़ा सामने है
जरा ज़ुल्फ़ इसकी सँवारे चला चल