भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

ईश्वर / रामदरश मिश्र

Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:14, 12 अप्रैल 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रामदरश मिश्र |अनुवादक= |संग्रह=मै...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

ईश्वर तो एक ही है
पर संसार में आकर
भिन्न-भिन्न धर्मों के लिए
जुदा-जुदा हो गया
हिन्दुओं के लिए भगवान
ईसाइयों के लिए गॉड
और मुसलमानों के लिए खुदा हो गया
सभी कहते हैं ईश्वर एक है
किन्तु सभी एक दूसरे के ईश्वर पर
प्रहार करते हैं
वे ईश्वर को ईश्वर से मार कर
ईश्वर से प्यार करते हैं।
-18.9.2013