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पछत रहलै पनिहारी / रामपुकार सिंह राठौर
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पाप पाँक में छांव पड़ल
पछता रहलै पनिहारी
पानी में पड़लै पैकिग
कि पोखरे पड़ल पनारी
पीपर पात पड़ा पोखरा
पनिया पियरायल अैसन
अगहन पछेया पवन बहे पर
धान के पतबा जैसन
पहिन पिया के पहिनायल
पंच रंगिया पातर सारी
परत परत पसरल परछांही
पहर पहर अन्हियारी
परल परल का सोंच रहल हे
परवा परलौ नारी
पातर पिया पहुँच रे पहिले
पहुँचल प्राण पछारो।