भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
धरमधाद / पूरण पंत 'पथिक'
Kavita Kosh से
Abhishek Amber (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:21, 14 अप्रैल 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=पूरण पंत 'पथिक' |अनुवादक= |संग्रह= }} {...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
को मनूं स्यौ धरमधाद ?
कुजाण।
क्यांकि प्वड़णी स्या धरमधाद ?
कुजाण।
किलै मनूं धरमधाद ?
कुजाण।
कै खुणि मनूं धरमधाद ?
कुजाण।
कब बटि प्वड़णी च धरमधाद ?
कुजाण।
क्वी सुणणू होलो धरमधाद ?
कुजाण।