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बहुत देर से स्तब्ध है / सुनीता जैन

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बहुत देर से स्तब्ध है
व्योम
वृक्ष
हवा
नहीं बोलता कोई
पक्षी
एक भी
एक भी

केवल टपकती है बूँद
टप् से
फिर दूसरी
दूसरी,

नहीं ज्ञात
कहाँ
पानी थी
या रक्त की