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अगस्त / गुल मकई / हेमन्त देवलेकर

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एक बादल चुपके से
नमक की बंद शीशी में समा गया
एक बादल चुपके से
घुस गया रज़ाइयों में
एक बादल चुपके से
फैल गया दीवारों पर
एक बादल
जो बरसने से बच गया
अदृश्य–सा रहता है
घर के भीतर
चीमड़ मुरमुरों और
मटके की तलहटी में रहते केंचुओं को
वह अक्सर दीख जाया करता है