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अइ तरह से जिनगी / हम्मर लेहू तोहर देह / भावना

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अइ तरह से जिनगी गुजारी हम।
दू तन-प्राण एक्के बन जाइ हम॥

नाम जभे कोनो तोहर पूछे।
कहब इहे दुन्नु एक हती हम।

घर बनावे के हए जरूरत की।
एक्के दिल में रहइत हती हम॥

मन केन्हु न लागे तोरा छोड़ क।
पाल लेली रोग बड़ा भारी हम॥

ई जनम के बात खाली की कहू।
जनम-जनम से तोहर हती हम॥