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नचौढ़ी ढार / बिहुला कथा / अंगिका लोकगाथा
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होरे इतना सुनिये रे चांदो बड़ी खुशी भेल रे।
होरे नाचै तो लागल रे बनियाँ चांदो सौदागर रे॥
होरे मामी के धईले बाला भेल काम कैल रे।
होरे धन तो बाड़ी बिहो रे बाला महिषी धेनु गाय रे॥
होरे चलिगेली आवे हे कोशिला आपन आब रे॥