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शिमला / कुँवर दिनेश
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बड़ा ही नाज़ुक मिज़ाज है―
शहर मेरा।
ज़रा धूप हुई तेज़
कि फूट पड़ता है―
शहर मेरा।
ज़रा बादल हुए जमा
कि उदास हो जाता है―
शहर मेरा।
ज़रा हवा बही तेज़
कि थिरक जाता है―
शहर मेरा।
ज़रा बर्फ़ क्या गिरी
कि दुबक जाता है―
शहर मेरा।
बड़ा ही नाज़ुक मिज़ाज है―
शहर मेरा।