भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

अयोध्या में कुछ क़ब्रें / असद ज़ैदी

Kavita Kosh से
77.41.126.229 (चर्चा) द्वारा परिवर्तित 00:17, 17 जुलाई 2008 का अवतरण (New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=असद ज़ैदी |संग्रह=सामान की तलाश / असद ज़ैदी }} इस मलबे के ...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

इस मलबे के पीछे कुछ दूर जाकर

नदी के उस तरफ़ कई क़ब्रें हैं

जिनमें दबी हैं कुछ कहानियाँ

ज़ंग लगा एक चिमटा

तांबे का प्याला

एक तहमद एक लाठी एक दरी

मेंहदी से रंगे बाल

2 X 3 इंच का नीले शीशे का

चमकदार टुकड़ा

और इसी तरह कुछ अटरम-सटरम


हर शै ख़ामोश

लेकिन अपनी जगह से कुछ सरकी हुई

हर शै, दम साधे,

हमारी तरह,

किसी इंतज़ार में।