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सलाह / महेन्द्र भटनागर
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बहुत थके हो तन
हारे अशक्त मन
सो लो !
गुज़री ज़िन्दगी
अजब दुशवार में,
तेज़ चक्रवातों बीच
गूँजते हाहाकार में !
दुखी व्यथित मन,
गहन चोट खाये तन !
खो
याददाश्त,
तनिक स्वस्थ
हो लो !
बहुत थके हो
सो लो !