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हाइकु 21 / लक्ष्मीनारायण रंगा
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अलखिया रे!
कद लख सूं थारो
असली रूप
सुरता म्हारी
उडीक में ई बीती
ऊमर आखी
किंयां पैछाणा
सै धार लिया रूप
बैरूपिया रां