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चौबीस / प्रबोधिनी / परमेश्वरी सिंह 'अनपढ़'
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आदमी को देख साँप डर गया
डर से अपना जहर छोड़ गया
वही जहर आदमी के माथे चढ़ गया
इसीलिए आदमी जहरीला हो गया
सर्प दंश का इलाज है
किन्तु आदमी का दंश लाइलाज है
निकट भविष्य में इलाज संभव नहीं
क्योकि आदमी का इलाज आदमी दृढ़ता है
इसका इलाज कोई दूसरा जीव ढूढ़ता तो सम्भव था