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नयन हैं नशीले नज़ारों से परिचित / शेरजंग गर्ग
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तुम्ही मिल गए हो डगर के बहाने।
किनारा मिला है भँवर के बहाने।।
हमारे हृदय तक तुम्हारे हृदय की
खबर आ रही है नज़र के बहाने।
टहलते टहलते हुए पार कर लीं
कई मंज़िलें हमसफ़र के बहाने।
पिघलने लगा है, बदलने लगा है,
किसी का हृदय चश्मेतर के बहाने।
सुना जबकि तुम याद करते ही हमको
हुए बेखबर इस खबर के बहानें।
ज़माना ज़हर से गिला कर रहा है
मगर हम जिए हैं ज़हर के बहाने।