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वर शृँगार गीत / 1 / भील

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भील लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

यो तो वाड़ि मा कहेलो नवेलो बेनो।
तूखे कुण ते सिंगार, तुखे कुण ते सिंगारे।
मिस काको ते सिंगारे, मिसे काको ते सिंगारे।
यो तो वाड़ी मा कहेलो, नवेलो बेना।
तुखे कुण ने सिंगार्या, नवेला बेना।
मेखे भाई ने सिंगार्या, भाई ने सिंगार्या।
पाटी से सिणगारो वो, पुनि बहणी।
बेना भाइ ना सासरिये, रमि आवजे।

- हे दूल्हे! तुम्हारे काका, तुम्हारे भाई तुम्हारा शंृगार कर रहे हैं। हे पुनी बहिन! पाटी (ओड़ाई) का शृंगार कर दुल्हिन के कपड़े रखो।