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वर शृँगार / भील

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भील लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

मोड़ मोल्विन् वेघा आवो हुस्यार बेना।
पागा मोल्विन् वेघा आवो हुस्यार बेना।
झूल मोल्विन् वेघा आवो हुस्यार बेना।
धोती मोल्विन् वेघा आवो हुस्यार बेना।
मुजा मोल्विन् वेघा आवो हुस्यार बेना।
तरवार मोल्विन् वेघा आवो हुस्यार बेना।
मुजड़ि मोल्विन् वेघा आवो हुस्यार बेना।

- वर शृँगार सामग्री बाजार से क्रय कर लाने के लिये दूल्हे को कहा गया है- हे चतुर बना! मौर क्रय कर जल्दी आओ। इसी प्रकार सभी वस्तुओं को क्रय करने के बारे में कहा गया है।