भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
बाना गीत / 3 / भील
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:11, 5 सितम्बर 2018 का अवतरण ('{{KKLokRachna |भाषा=भील |रचनाकार= |संग्रह= }} <poem> झिनि-झिनि आमली...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
भील लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
झिनि-झिनि आमली मुरे आइ बना तारा राज मा।
बना तारो फुवो नी आयो, तारा राज मा।
झिनि-झिनि आमली मुरे आइ बना तारा राज मा।
बना तारो फुई नी आवी, तारा राज मा।
झिनि-झिनि आमली मुरे आइ बना तारा राज मा।
- छोटे पत्तों वाली इमली के फूल आ रहे हैं, ऐसे में ब्याह हो रहा है। गीत में दूल्हे से पूछा गया है कि- दूल्हे राजा! तेरे राज में बुआ, फूफा और बहिन नहीं आई हैं।