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विदाई गीत / 6 / भील
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भील लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
तारा बाबा ना घर मा काम कर्यो, धाम कर्यो
गले नी गलसुण छोड़ी लेधी।
तारा ससरा ना घर मा काम नी कर्यो।
धाम नी कर्यो, गले नी गलसुण बांध लेधी।
तारा वासने ना घर मा काम कर्यो, धाम कर्यो
माथे नी ओढ़णी उतरि लेधी वो।
तारा ससरा ना घर मा काम नहीं कर्यो,
धाम नी कर्यो, माथे पर साड़ी ओढ़ि लेधी वो।
- वर पक्ष की ओर से इस गीत में वधू से कहा गया है कि- तूने अपने पिता के यहाँ काम किया, किन्तु उन्होंने गले की गलसनी, माथे की ओढ़नी सब उतार ली। अभी तूने तेरे ससुर के यहाँ काम नहीं किया किन्तु तुझे गले की गलसनी व ओढ़नी ओढ़ा दी है।