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बिच्छू उतारने का मंत्र / 1 / भील
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भील लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
धवलिया विछु कातर वालियो,
कालो विछु कातर वालियो,
निलो विछु कातर वालियो,
कापलियो विछु कातर वालियो,
छेन्डीयो विछु कातर वालियो,
लहरियो विछु कातर वालियो,
जहरीयो विछु कातर वालियो,
काली गाय कपन चड़ी,
एक विछी खुट चड़ीयो, लाव मारी पिछे,
माराती नि उतरे तो बारह हनुमान नि दुहाई, सोगन्ध
माराती नि उतरे तो मारा गुरू की दुहाई, सोगन्ध
माराती नि उतरे तो बारह भिलट की दुहाई, सोगन्ध।