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रंग / ककबा करैए प्रेम / निशाकर
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अहाँ एक्के रंग पर एतेक जोर
किएक दऽ रहल छी?
अहाँ छोडू राजनीति
उतारू अपन आँखि पर चढ़ल खास रंगक चश्मा
देखू
प्रकृति कतेक रंग बनबै छै
कतेक भिन्न होइत छै
एक पातक रंग दोसर पातसँ।
आउ
रंगकें रंगक रूपमे देखल जाय।