बिहाणा नूत के गीत / 1 / राजस्थानी
ए सा पान सुपारी ढोढ़ सो जी थे तो द्यो विनायक जी घर नूतो।
बेगा बेगा म्हारे आवज्यो जी।
म्हे तो द्या विनायक जी घर नूतो सूरजजी घर नूतो।
चंदरमाजी घर नूतो। बेगा बेगा म्हारे आवज्यो जी।
आइज्यो विनायक म्हारे रिद्ध-सिद्ध करबा आइजो।
सूरजजी चंदरमाजी म्हारे जग में ऊगण आइजो म्हारे आंगणे।
आप घोड़लड़े राणा हो पालकड़े जी छोटा-मोटा बैठ सिंगासण।
थांका भाई भतीजा बैठ सिंगासण आइज्यो म्हारे आंगणे।
ए सा पान सुपारी ढोढ़ सो जी थे तो द्यो विनायक जी घर नूतो।
बेगा बेगा म्हारे आवज्यो जी।
बाबा सा म्हारे जान सिणगारण आइज्यो।
काकाजी म्हारे जान सिणगारण आइज्यो।
बीरासा म्हारे जान सिणगारण आइज्यो म्हारे बारणे।
आप घोड़लड़े राणा हो पालकड़े जी थारा भाई भतीजा बैठ।
रिद्ध-सिद्ध आइज्यो म्हारे बारणे।
ए सा पान सुपारी ढोढ़ से जी म्हे तो द्या नानाजी घर नूतो।
जी मामाजी घर नूतो बेगा-बेगा आज्यो म्हारे बारणे।
मामा सा म्हारे माहेरो पहरावण कारण आइज्यो...
फूफाजी म्हारे काग उडावण आइज्यो जी।
आप घोड़लड़े राणा हो पालकड़े जी थांका छोटा मोटा।
घाल खच्चर में आइज्यो म्हारे बारणे जी।