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बिरद बिहाणा / 3 / राजस्थानी

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हताया म बैठ्या चार जणा, बिच बैठ्याजी सूरजजी ओ आप।
बियाणा ओ रली आवण।
ज्या बिच बैठ्याजी गजानंदजी ओ आप बियाणा जी रली आवणा।
पान चाबला फूल बिणला, ठाकुरिया जी कासबजीरा जोध। बियाणा जी
पान चाबला फूल बिणला, ठाकुरिया जी महादेवजीरा जोध। बियाणा जी
ब्याह हाताम नोली दरब घणो, काज सुधारो जी सेवडार ब्याव। बियाणा जी
हताया म बैठ्या चार जणा।
बीच बैठ्या जी... रा जोध। बियाणा जी रली आवणा।
पान चाबला फूल बिणला, पातलिया जी सीता रा जोध। बियाणा जी
पान चाबला फूल बिणला, ठाकुरिया जी सुदरा रा बीर। बियाणा जी
ब्यारा हाताम नोली दरब घणो, दमड़ा खर्चो जी बेटा रा ब्याव। बियाणा जी
ल्यो कुची, ल्यो कोथली, मायरो पेरावोजी भाणेजार ब्याव। बियाणा जी
पान चाबला फूल बिणला, भात जीमाओ जी बीरा र ब्याव। बियाणा जी
पान चाबला फूल बिणला, बंदोली कढ़ाओ जी साला र ब्याव। बियाणा जी