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गीत बांदरवाल / राजस्थानी
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राजस्थानी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
ए मालीड़ा री बेटी बागां में रहती, फूल भर छाबा आय।
ए थारा छाबा मांथे कांई ये माली की सो म्हाने बताय।
ए म्हारा छाबा मांये हार चमेली, चम्पा की कलियां। हरी हरी बान्दरवाल।।
ए तू तो बांदरवाल बंधाई माली की सूरज जी रे दरबार।
ए तू तो बादरवाल बंधाई ए माली की चन्दरमाजी रे दरबार।
ए तू तो बांदरवाल बंधाई ए माली की विनायक जी रे दरबार।
ए तू तो चावंल छांट्या... ने नूत्या सासू ननद पहराय।
ए तू तो पहराय सवागण चढ़ चोबारा जू देखे परिवार।
छायल छांट्या हर तर नूत्या हरी हरी बान्दरवाल।
ये तू तो चढ़ चोबार देख सवागण ज्यूं आवे परिवार।
नोट- इसी प्रकार घर के लोगों और बहुओं का नाम लेकर गाएं।