भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
बना के गीत / 8 / राजस्थानी
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 18:30, 7 सितम्बर 2018 का अवतरण ('{{KKLokRachna |भाषा=राजस्थानी |रचनाकार= |संग्रह= }} {{KKCatRajasthaniRachna}} <poe...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
राजस्थानी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
दादाजी रो प्यारी बन्नो, स्कूला में जावे। दादाजी रो...
ओजी खेल घन्टी में, धूम मनावे।
मास्टर जी धमकायो बन्नो, रूस्यो-रूस्यो आवे।
ओजी उनकी दादाजी रो, जीव दुख पावे।
बापूजी रो प्यारो बन्नो, स्कूलां में जावे।
काकाजी रो प्यारो बन्नो, स्कलां में जावे।
ओजी खेल घण्टी में, धूम मनावे।
मास्टर जी धमकायो बन्ना, रूस्यो-रूस्यो आवे।
ओजी उनकी मम्मी रो, जीव दुख पावे।
ओजी उनकी चाची रो, जीव दुख पावे। दादाजी रो...