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गाली ब्याई जी को / 2 / राजस्थानी

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सुणो जी ब्याई जी दो जोरू वाला।
दो जोरू वाला का निकला दिवाला।
एक कहै मैं पुष्कर नहाऊं, एक कहै मैं गलता जी,
वो दोनों तो नहाये, कपड़ा धोये बेचारा।
सुणो जी ब्याई जी दो जोरू वाला।
एक कहे मैं लाडू जीमू, एक कहे मैं पेड़ा।
वे दोनों तो मजां स जीमे, रुपया चुकावे बेचारा।
सुणो जी ब्याई जी दो जोरू वाला।
एक कहे मैं बेटो जाऊं एक कहे मैं बेटी।
वे दोनों तो जाये, कमर दाबे बेचारा।
सुणो जी ब्याई जी दो जोरू वाला।
एक कहे मैं सूरज पूजूं, एक कहे मैं जलवा।
वे दोनों तो पूजे, पीछे फिर बेचारा।
सुणो जी ब्याई जी दो जोरू वाला।
एक कहे मैं नाटक देखूं, दूजी कहे सिनेमा।
वे दोनों तो देखे, बच्चे संभाले बेचारा।
सुणो जी ब्याई जी दो जोरू वाला।
एक कहे बागां में जाऊ, दूजी कहे मैं महलां,
वे दोनों तो जावे घूमने, खाना बनावे बेचारा।
सुणो जी ब्याई जी दो जोरू वाला।