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गाली ब्याई जी को / 5 / राजस्थानी
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राजस्थानी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
आओ न दारी बियायां जी वाली मांकी तो गली,
थांका तो परण्या की पगड़ी हीरा स्यू जड़ी।
रोधेश्याम की घड़ी, सांवरिया का रंग महल म राधक्या खड़ी।
जी कठा का थे रेवण वाला, कस्यो थांका गांव।
कसी गल्या म फरो अकेला कई थांको नाम।
रोधेश्याम की घड़ी, सांवरिया का रंग महल म राधक्या खड़ी।
जी गोकुल का मैं रेवण वाला मथुरा मांको गांव।
कुंज गजी में फरो अकेला कृष्ण हमारो नाम।
रोधेश्याम की घड़ी, सांवरिया का रंग महल म राधक्या खड़ी।