भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

तितली रानी / निशान्त जैन

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:07, 17 सितम्बर 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=निशान्त जैन |अनुवादक= |संग्रह=शाद...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

गुनगुन करती तितली आई,
बच्चों के मन को है भाई।
 
टिंकू-टीना-टुनटुन-टिल्लू,
मिलकर सबने दौड़ लगाई।
 
लाख कोशिशें करने पर भी,
तितली रानी पकड़ न आई।
 
मदमाते-मुसकाते-मधुरिम,
फूलों पर लेती अँगड़ाई।
 
खुशबू की इतनी दीवानी,
मँडराती ही पड़े दिखाई।
 
मैडम! मुझको तितली रानी,
लगती शरमाई-सकुचाई।