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बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ! / निशान्त जैन

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बेटी से रोशन ये आँगन
बेटी से ही अपनी पहचान,
हर लम्हे में खुशी घोलती
बेटी से ही अपनी शान।
 
शिक्षा-स्वास्थ्य-रोजगार
विज्ञान हो या संचार,
तेरी काबिलियत के आगे
नतमस्तक सारा संसार।
 
गाँव-शहर-कस्बों में
बेटी पढ़ती-बढ़ती जाए,
नई चेतना से आओ अब
अपना देश जगाएँ।
 
धूमधाम से जन्में बेटियाँ
पढ़कर ऊँचा कर दें नाम,
आओ बेटियों के सपनों में
भर दें मिलकर नई उड़ान।

(जिला मजिस्ट्रेट, केन्द्रीय जिला, दिल्ली द्वारा वर्ष 2016 में जनहित में जारी)