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क्रूरता / गंग नहौन / निशाकर
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समय
क्रूर भऽ गेल अछि
ओ बदलि देलक अछि
मनुक्खकें
वस्तुमे।
वस्तुए जकाँ
बिका रहल अछि
आब मनुक्ख
हाट-बजार
सोन्हिआ गेल अछि
ओकर शोणितमे
क्रूरता।