भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
समुद्री दृश्य / आर्थर रैम्बो / मदन पाल सिंह
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:05, 8 नवम्बर 2018 का अवतरण
ताम्बई और रजत नौकाएँ
फ़ौलादी श्वेत उनके वक्षस्थल
चीर रहे हैं फेन
उखाड़ रहे हैं शूल-कण्टकों की जड़ें
कच्छ मरुभूमि के प्रवाह और
भाटे की विशाल लीक
वलयकार बह रही है सुदूर-पूर्व की दिशा में
वन-कानन के स्तम्भों की ओर
पीपों के सेतुबन्ध की तरफ़
जिनके कोण आप्त हैं प्रकाश के भँवरों में।
मूल फ़्रांसीसी भाषा से अनुवाद : मदन पाल सिंह