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गाँव नगरिया में सगरे अन्हरिया / जयराम दरवेशपुरी

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सरसठ बरिस भेलइ
आजादी केर उमरिया
घिरेले हे गाँव नगरिया में
सगरे अन्हरिया।

आशा विसवासा के
अमरित लुटा हइ
जे न´ लूटे ऊ
जग में झुठा हे
कउन रे अंटरिया तर
अंटकल इंजोरिया
घिरेले हे गाँव नगरिया में
सगरे अन्हरिया।

हुड़रे बिलाड़ के
जुटल हइ जमतिया
घरे के चोर हइ
करइ कुराफतिया
मुट्ठी भर बंदरन
खेलइ नाच बंदरिया
घिरेले हे गाँव नगरिया में
सगरे अन्हरिया।

हुट-हुट से सुनतो न´
परकल ईहो चोर ई
पसेनमा के अरजल
लुटतो चिजोर ई
आपुस में हिम्मत के
पिजावऽ तरबरिया
घिरेले हे गाँव नगरिया में
सगरे अन्हरिया।

ठग मचल तहपर तह
अइलो सरिअइले
कोना टुकरी दे-दे के
सब के फुसलइले
ओकरे सिंहासन तर
दबल तोर इंजोरिया
घेरे लेह गाँव नगरिया में
सगरे अन्हरिया!

चोर घुसखोर महा
हे भ्रष्टाचारी
ओकरे फइलावल हइ
सगरे मारा-मारी
मिललत के सले-सले
तोड़लक रसरिया
घिरेले हे गाँव नगरिया में
सगरे अन्हरिया!