भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
बगुला मारे डंड बैठकी / जयराम दरवेशपुरी
Kavita Kosh से
सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:59, 9 जून 2019 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=जयराम दरवेशपुरी |अनुवादक= |संग्र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
बगुला मारे डंड बैठकी
बउआ देखे अइना
मैना चढ़ के चलल पालकी
सुग्गा बाँटे बइना
बाघ बराहिल चेउंके पीछे
सजल सियार के टोली
पड़ुका-पडु़की ले संगीन
शरहद पर चलवे गोली
बिड़नी के रगदऽ हइ भौंरा
लेले हाथ में परना
सरगम पर नाचऽ हे तितली
झिंगुर गीत सुनावे
चउका बइठल मुसके चिरइं
हरियल वेद सुनावे
घोड़ा पर चढ़-चढ़ के धपछू
साज रहल हे सइना
टोली पर टोली निकलल हइ
तितिर बटेर बहादुर
मोर मचावे भगदड़ रण में
थपड़ी बजवे दादुर
छेंक रहल हे गीध झपकी
फइला-फइला डइना
शरहद पर जब मचत लड़इया
केप्टन कोयल बजबत सीटी
महुअल गिरवत गोला बारूद
बम गिरावऽ चींटी
लाल रकत से रांगल धरती
गमकऽ लगत बिसइना।