भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

अंगीकृत / महेन्द्र भटनागर

Kavita Kosh से
Pratishtha (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 06:49, 16 अगस्त 2008 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

ओ विशालाक्षी
नील कंठाक्षी
शुभांगी !
शाप
जो तुमने दिया

अंगीकृत !

ओ पयस्विनी
कल्याणी !
विषज उपहार
जो तुमने दिया

स्वीकृत !

