भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
पूरक / ओक्ताविओ पाज़ / उज्ज्वल भट्टाचार्य
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:44, 8 जुलाई 2019 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ओक्ताविओ पाज़ |अनुवादक=उज्ज्वल भ...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
मेरे शरीर में
तुम
पहाड़ खोजती हो
और उसके जंगल में
सूरज खोजती हो ।
तुम्हारे शरीर में
मैं
नाव खोजता हूँ
घनी रात के बीच
यूँ ही बहते हुए ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : उज्ज्वल भट्टाचार्य