भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

जीवन यात्रा / मुकेश निर्विकार

Kavita Kosh से
सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:15, 20 जुलाई 2019 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मुकेश निर्विकार |अनुवादक= |संग्र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

समय की देग पर
यादों के खदकन
अहसासों की भाप
चाहतों की ऊष्मा
मर्यादाओं के दवाब
और...
और...
स्टीम इंजन की तरह
किसी जिंदगी का
यूँ ही....
यूँ ही....

चुपचाप बढ़ते जाना.....