भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

सौंदर्य / ऋषभ देव शर्मा

Kavita Kosh से
सशुल्क योगदानकर्ता ५ (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:06, 30 जुलाई 2019 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ऋषभ देव शर्मा |अनुवादक= |संग्रह=प्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

प्रश्न
सुडौल और बेडौल
होने का नहीं
जुझारू और
सक्रिय होने का है,
सुंदरता से आगे
उपयोगिता का हैं,
ऊर्जस्विता का है|

आवश्यकता पड़ने पर
ऊर्जा उपजाने को
ये हाथ
ईंधन हो सकें,
सौंदर्य की सार्थकता
इससे बड़ी
और क्या है? तुम्ही बोलो !